8वीं फेल लड़का बना करोड़पति, रिलायंस से लेकर अमूल है इनका क्लाइंट
त्रिशनित अरोड़ा ने महज 23 साल की उम्र में साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट बन चुके हैं.त्रिशनित अब रिलायंस, सीबीआई, पंजाब पुलिस, एवन साइकिल जैसी कंपनियों को साइबर से जुड़ी सर्विसेज दे रहे हैं.
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बचपन में खेला करते थे वीडियो गेम
त्रिशनित अरोड़ा ने बताया है कि बचपन से ही उन्हें कम्प्यूटर में रुची थी. वो हर समय वीडियो गेम खेला करते थे. देर तक कम्प्यूटर में बैठने पर उनके पिता को काफी टेंशन होती थी. वो रोज कम्प्यूटर का पासवर्ड चैंज किया करते थे. लेकिन त्रिशनित रोज पासवर्ड को क्रेक कर दिया करता था. लेकिन इस चीज को देखकर उनके पिता भी प्रभावित हो गए और नया कम्प्यूटर लाकर दे दिया. एक वक्त ऐसा आया जिससे उनकी जिंदगी बदल गई.
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छोड़ा स्कूल और करने लगे प्रोजेक्ट्स पर काम
एक दिन त्रिशनित की स्कूल प्रिंसिपल ने उनके माता-पिता को स्कूल बुलाकर कहा कि उनका बच्चा 8वीं में फेल हो गया है. जिसके बाद उनके माता-पिता ने पूछा आखिर वो करना क्या चाहते हैं. जिसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि वो कम्प्यूटर में ही अपना करियर बनाएंगे. जिसके बाद पिता के कहने पर उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और कम्प्यूटर की बारीकियां सीखने लगे. 19 साल की उम्र में वो कम्प्यूटर फिक्सिंग और सॉफ्टवेयर क्लीनिंग करना सीख गए थे. जिसके बाद वो छोटे प्रोजेक्ट्स पर काम करने लगे. उनको पहला चेक 60 हजार रुपये का मिला था. जिसके बाद उन्होंने पैसे बचाकर खुद की कंपनी में खर्च करने का सोचा. आज जिसका नाम टीएसी सेक्यूरिटी सॉल्यूशन है. जो एक साइबर सिक्युरिटी कंपनी है. 8वीं फेल होने के बाद उन्होंने स्कूल से दूरी बना ली लेकिन उन्होंने 12वीं डिस्टेंस एज्यूकेशन से की और बीसीए कंप्लीट किया. लेकिन उससे पहले ही वो मुकाम हासिल कर चुके थे.
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जब त्रिशनित अरोड़ा 21 साल के थे तो उन्होंने अपनी कंपनी स्टार्ट की. त्रिशनित अब रिलायंस, सीबीआई, पंजाब पुलिस, एवन साइकिल जैसी कंपनियों को साइबर से जुड़ी सर्विसेज दे रहे हैं. वो हैकिंग पर किताबें भी लिख चुके हैं. ‘हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा’ ‘दि हैकिंग एरा’ और ‘हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स’ जैसी किताबें उन्हींने लिखी हैं.
भारत में 4 और दुबई में एक ऑफिस
उनकी मानें तो भारत में उनकी कंपनी के चार ऑफिस हैं और दुबई में भी एक ऑफिस है. करीब 40% क्लाइंट्स इन्हीं ऑफिसेस से डील करते हैं. दुनियाभर में 50 फॉर्च्यून और 500 कंपनियां क्लाइंट हैं. त्रिशनित का सपना है कि वो बिलियन डॉलर सेक्यूरिटी कंपनी खड़ी करें. फोर्ब्स की मानें तो भारत के अलावा, टीएसी दुबई से भी काम करता है, शुरुआती दावों के अनुसाल डोमेस्टिक मार्केट और मिडिल ईस्ट से 1 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया है. नई दिल्ली: कहते हैं पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे खराब. ये कहावत हर माता-पिता अपने बच्चे को कहता है. क्योंकि पढ़ाई से ही व्यक्ति आगे बढ़ता है और मुकाम हासिल करता है. लेकिन मुंबई के एक लड़के ने इस कहावत को ही उलटा कर दिया. मुंबई के रहने वाले त्रिशनित अरोड़ा को पढ़ाई में बिलकुल मन नहीं लगता था. जिससे उनका पूरा परिवार परेशान रहता था. लेकिन उनकी रुची ही उनकी सफलता बनी और आज वो महज 23 साल की उम्र में साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट बन चुके हैं. ह्यूमन ऑफ बॉम्बे के फेसबुक पेज पर उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी शेयर हुई थी. जिसमें बताया गया है कि कैसे वो स्कूल की पढ़ाई छोड़कर भी अपना मुकाम हासिल किया.
“As a child, I would enjoy opening up toys and gadgets to see how they work internally as opposed to playing with them. When we got a computer at home — I became obsessed. My passion grew from playing computer games like Vice City to understanding the hardware of the system. My father became worried when he saw me being on the computer for hours on end— he tried putting a password but by the end of the day I had figured out a way to bypass it. Eventually he moved from being annoyed to impressed and ended up buying me a new system! Whenever our system needed fixing, I would watch the expert closely and within a few short weeks I had networked two computers myself. If there was any machine that needed fixing, my neighbours would come to me— and I was so young!
Given that I was so consumed by this world of computers…I failed the 8th standard. I just didn’t understand History and Geography. Instead of yelling at me, my parents took me to the park after being called to the Principal’s office and asked me why — I just told them that my life was understanding computers…the software and hardware and nothing else mattered to me.
Eventually they allowed me to drop out of school but that doesn’t mean I stopped learning. In fact, my learning grew three fold! I started with small projects — fixing computers and cleaning up software and at the age of 19, I received my first big cheque of 60,000 Rupees. I used everything I had saved to invest in my own company - TAC Security Solutions.
The best way to describe my professional title would be to call me an ethical hacker. I would hack people’s systems, so that they could see the flaw in them and take over their cyber security. I’m currently the IT advisor to the Punjab State and have held training sessions for the CBI, Punjab State and Crime Branch. Our clients vary from Reliance to Government officials and we’ve recently expanded to have offices in 4 cities in India and 1 in Dubai. At 23, my dream is to build a billion dollar Cyber Security company and I think I’m here today because when I failed, my parent’s didn’t scream or force me to take more tuitions — they understood me and let me be. I’m not saying education isn’t important — all I’m saying is how you choose to learn can vary and that failing at school, doesn’t mean you’re a failure.”
Given that I was so consumed by this world of computers…I failed the 8th standard. I just didn’t understand History and Geography. Instead of yelling at me, my parents took me to the park after being called to the Principal’s office and asked me why — I just told them that my life was understanding computers…the software and hardware and nothing else mattered to me.
Eventually they allowed me to drop out of school but that doesn’t mean I stopped learning. In fact, my learning grew three fold! I started with small projects — fixing computers and cleaning up software and at the age of 19, I received my first big cheque of 60,000 Rupees. I used everything I had saved to invest in my own company - TAC Security Solutions.
The best way to describe my professional title would be to call me an ethical hacker. I would hack people’s systems, so that they could see the flaw in them and take over their cyber security. I’m currently the IT advisor to the Punjab State and have held training sessions for the CBI, Punjab State and Crime Branch. Our clients vary from Reliance to Government officials and we’ve recently expanded to have offices in 4 cities in India and 1 in Dubai. At 23, my dream is to build a billion dollar Cyber Security company and I think I’m here today because when I failed, my parent’s didn’t scream or force me to take more tuitions — they understood me and let me be. I’m not saying education isn’t important — all I’m saying is how you choose to learn can vary and that failing at school, doesn’t mean you’re a failure.”